Tuesday, January 2, 2024

जिंदगी के मसले

 जिंदगी के मसले हैं, 

वादे और कसमें हैं,

आंख में छिपे अश्क,

गाल पे आ फिसले हैं,

आह! होठों की जद में है, 

होठ अपनी ज़िद में हैं,

अश्क लबों से जो आ मिले,

कैदी कैद से निकले हैं,

दिल मासूम मुफलिस है,

ये मसले सारे दिल के हैं,

इस बार तो सवरना था,

अब किस दर पे आके बिखरे हैं

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