Tuesday, January 2, 2024

एक लम्हा यूं गुज़र गया

एक लम्हा यूं गुज़र गया,

यादों को सर कर गया,

एक उम्र तक जो गैर था,

आज दिल को घर कर गया,

मेरे मसले सब हल किए,

जाते जा मसला कर गया,

मेरे सर से जो बादल गया,

आंखों में पानी भर गया,

सागर से जो मैं जुदा हुआ,

बन रा यूं मचल गया,

कुछ देर बादल से जुड़ा,

फिर बारिश मैं बदल गया,

मैं राहगीर, मेरा रास्ता,

एक ख्वाब था, जो बिखर गय,

अब यहां से मैं जाऊ कहां,

मेरा जाना मुश्किल कर गया,

एक लम्हा यूं गुज़र गया,

यादों को सर कर गया,

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