जो सब समझे, वो ना समझे,
पीतल को भी, सोना समझे,
है नासमझ, ये वो समझे,
सागर को भी, थोड़ा समझे,
किसी का गम, ना समझे,
रिश्तों को मगज़, समझोता समझे,
घर जला के, बगल का,
अपना घर, बचा समझे,
गर जन को जन, ना समझे,
तो मन का धन, क्या समझे,
दिल बदल कर, पत्थर में,
पत्थर को, खुदा समझे,
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