Monday, January 1, 2024

चूड़ियां

जान जल गई आग में,

साप बैठा भाग में,

चूड़ियां खरीदी बजार से,

हथकड़ियां बन गई हाथ में,

नभ सोचा था खाब में,

जिंदगी कटी सुराख में,

इसी सबब से इज्जत लूटी,

इज्जत बचान की लाग में,

घुल गई वा सराब में,

सराबी मिला सुहाग में,

कोन कान उसे सुने,

जब मोल किया मां बाप ने,

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